शुद्ध, स्वच्छ हो पर्यावरण संरक्षण दे इस माती कोआज देंगे हम एक संदेशा इस सारी मानव जाति को......... शुद्ध, स्वच्छ हो पर्यावरण संरक्षण दे इस माती कोआज देंगे हम एक संदेशा इस सारी मान...
हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....! हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....!
दीवार के इस पार इंसान हैंं, उस पार प्रकृति। इस पार शोर रहता है उस पार शान्ति। दीवार प्रकृति के पत्... दीवार के इस पार इंसान हैंं, उस पार प्रकृति। इस पार शोर रहता है उस पार शान्ति। ...
पूर्णिमा की एक रात, जब मैं था अपने चाँद के साथ..... पूर्णिमा की एक रात, जब मैं था अपने चाँद के साथ.....
शेष कभी कुछ होता नहीं, सिर्फ़ रूप बदलता जाता है। शेष कभी कुछ होता नहीं, सिर्फ़ रूप बदलता जाता है।
सखी... सखी...